भूखंड तप रहा है वाक्य
उच्चारण: [ bhukhend tep rhaa hai ]
उदाहरण वाक्य
- देवताले जी की बहुत सारी कविताओं की तो चर्चा ही नहीं हु ई. ज ैसे उनकी लम्बी कविता भूखंड तप रहा है.
- उनकी लंबी कविता ‘ भूखंड तप रहा है ' अपने कथ्य को उस तरह साध नहीं पाती जैसी कई अन्य समकालीन लंबी कविताएँ.
- देवताले जी की बहुत सारी कविताओं की तो चर्चा ही नहीं हुई. जैसे उनकी लम्बी कविता भूखंड तप रहा है.मेरी लम्बी कविता पुरातत्ववेत्ता पर चर्चा करते हुए एक बार उन्होने इसका जिक्र किया था.
- ' भूखंड तप रहा है ' और ' लकड़बग्घा हंस रहा है ', ' पत्थर की बेंच ' और ' आग हर चीज में बताई गई थी ' जैसे उनके काव्य संकलन उनकी रचनात्मक शिनाख्त को कहीं ज्यादा गढ़ते हैं।
- देवताले जी की प्रमुख कृतियाँ हैं-हड्डियों में छिपा ज्वर, दीवारों पर खून से, लकड़बग्घा हँस रहा है, रोशनी के मैदान की तरफ़, भूखंड तप रहा है, हर चीज़ आग में बताई गई थी, पत्थर की बैंच, इतनी पत्थर रोशनी, उजाड़ में संग्रहालय आदि।
- यह बात जरूर है कि कवि कई बार भाषा का ' ओवरयूज़ ' करता लगता है-मसलन ' भूखंड तप रहा है ' शीर्षक लंबी और महत्वाकांक्षी कविता में, या ' आग हर चीज में बताई गई थी ' में संकलित ' हाइ पावर नंगे बस्तर को कपड़े पहनाएगा ' और ' सबसे जरूरी काम ' शीर्षक कविताओं में।
अधिक: आगे